मीनू की सूई
Motivational Hindi Story
एक बार की बात है, एक छोटे से रंगीन गांव में मीनू नाम की एक चंचल बच्ची रहती थी। मीनू न केवल पढ़ाई में तेज थी बल्कि उसे बगीचे में फूलों की देखभाल करना और कहानियां लिखना भी बहुत पसंद था। फिर भी, स्कूल और घर के कामों के चलते उसके पास खेलने के लिए बहुत कम समय मिल पाता था।
एक दिन, उसकी दादी ने उसे एक खास तोहफा दिया – एक चमकदार सूई। दादी ने बताया कि यह सूई उनके परिवार की पुश्तैनी निशानी है और यह कुछ खास शक्तियां रखती है। मीनू बहुत खुश हुई और उसने सोचा कि वह इस सूई से क्या-क्या बना सकती है।
मीनू ने फैसला किया कि वह इस सूई से अपने लिए एक खूबसूरत पोशाक सिलेंगी। उसने रोजाना थोड़ा-थोड़ा समय निकालकर धीरे-धीरे काम करना शुरू किया। शुरू में, उसे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ दिनों बाद वह थकान महसूस करने लगी। उसे लगा कि शायद वह इस काम को पूरा नहीं कर पाएगी।
तभी उसकी दादी आईं और उसे समझाया, “बेटा, धैर्य रख। बड़े-बड़े पेड़ भी छोटे-छोटे बीजों से ही उगते हैं। तुझे बस लगातार कोशिश करती रहनी है।” दादी की बातों ने मीनू को हिम्मत दी। उसने फिर से काम करना शुरू किया और आखिरकार उसने एक खूबसूरत पोशाक तैयार कर ली।
न सिर्फ उसने पोशाक तैयार की बल्कि उसने सूई की मदद से अपने दोस्तों के लिए भी कई खूबसूरत चीजें बनाईं। मीनू ने महसूस किया कि सूई ने उसे सिर्फ एक कारीगर ही नहीं बनाया बल्कि एक रचनात्मक व्यक्ति भी बनाया है।
सीखें अपनी कहानी से:
- धैर्य का महत्व: मीनू ने अपनी पोशाक सिलने के लिए धैर्य रखा। हमें भी अपने लक्ष्यों को पाने के लिए धैर्य रखना चाहिए।
- लगन और मेहनत: मीनू ने रोज थोड़ा-थोड़ा करके काम किया। लगन और मेहनत से ही सफलता मिलती है।
- दूसरों की प्रेरणा: मीनू की दादी ने उसे प्रेरित किया। हमें भी प्रेरक लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए।
- रचनात्मकता का विकास: मीनू ने सूई की मदद से न सिर्फ कपड़े सिला बल्कि कई रचनात्मक चीजें भी बनाईं। हमें भी अपनी रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए।
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